मुझसे मेरा क्या रिश्ता है .....
हर एक रिश्ता भूल गया ......♥
इतने आईने देखे हैं,....
की अपना चेहरा भूल गया ....♥
अब तो यह भी याद नहीं है ,...
फर्क था कितना दोनों मैं .....♥
उस की बातें याद रहीं और ,....
उस का लहजा भूल गया ...♥
प्यासी धरती के होठों पैर .....
मेरा नाम नहीं तो क्या ...♥
मैं वो बादल का टुकड़ा हूँ जिस को दरिया भूल गया ♥ ♥ ♥
हर एक रिश्ता भूल गया ......♥
इतने आईने देखे हैं,....
की अपना चेहरा भूल गया ....♥
अब तो यह भी याद नहीं है ,...
फर्क था कितना दोनों मैं .....♥
उस की बातें याद रहीं और ,....
उस का लहजा भूल गया ...♥
प्यासी धरती के होठों पैर .....
मेरा नाम नहीं तो क्या ...♥
मैं वो बादल का टुकड़ा हूँ जिस को दरिया भूल गया ♥ ♥ ♥
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